इलाहाबाद परिक्षेत्र का प्राचीन ऐतिहासिक परिदृश्य: आरंभिक समय से लेकर प्रथम शताब्दी तक
Abstract
शोध सारांश - किसी भी क्षेत्र का इतिहास उस क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों से पूर्णतः प्रभावित रहता है। जैसा कि रिचर्ड हकलुइत की एक पुरानी उक्ति है कि भूगोल और तिथिक्रम इतिहास के लिए चाँद-सूरज जैसे या दाहिनी-बाईं आँख जैसे है। गंगा-यमुना और उसकी सहायक नदियों के क्रीड़ा क्षेत्र में फैला हुआ इलाहाबाद परिक्षेत्र इसका अपवाद नहीं है। सभ्यता और संस्कृति के ऊषाकाल से ही यह क्षेत्र मानव क्रिया कलापों का मूक साक्षी रहा है। यहाँ जब एक बार मानव बस्तियाँ बसनी आरम्भ हुई, तो फिर जन, जनपद, महाजनपद और अन्ततः महान् साम्राज्यों का युग आने में बहुत देर नहीं लगी।
मुख्य शब्द- इलाहाबाद परिक्षेत्र, प्रयाग, संगम, कौशाम्बी, मित्रवंश, मघ, कुम्भ
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