अधिवास भूगोल à¤à¤µà¤‚ सेवा केनà¥à¤¦à¥à¤° का संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ विवरणः विदिशा जिले के संदरà¥à¤­ में

डॉ. प्रियदर्शिठअग्निहोत्री

Abstract


मानव और उसका निवास ‘‘मानव भूगोल’’ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– ततà¥à¤µ है। ‘‘अधिवास भूसतह पर मानव बसावट को दरà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥‡ हैं। ये अधिवास मानव बसाव के à¤à¤• या अधिक घटकों à¤à¤µà¤‚ भवनों के पाये जाने को कहते हैं।’’ (बैरी 1958, पेज. 34) अधिवास मानव पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ अंग है। मानव की पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• आधारभूत आवषà¥à¤¯à¤• आवषà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं में भोजन, वरतà¥à¤° और आशà¥à¤°à¤¯ का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। कà¥à¤› विदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आवास को भोजन और वसà¥à¤¤à¥à¤° के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बताया है। जबकि कई विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने भोजन के बाढ मकान की आवषà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ को महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ माना। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में आशà¥à¤°à¤¯ सà¥à¤¥à¤² गà¥à¤«à¤¾, वृकà¥à¤· आदि होते थे। यह निरà¥à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¦ रूप से कहा जा सकता है कि आशà¥à¤°à¤¯, विशà¥à¤°à¤¾à¤® और सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ इन तीन आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं की पूरà¥à¤¤à¤¿ हेतॠमानव अधिवास का जनà¥à¤® हà¥à¤† है।
मà¥à¤–à¥à¤¯ शबà¥à¤¦à¤ƒ मानव भूगोल, अधिवास भूसतह पर मानव बसावट को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥‡ हैं।


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References


पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° फà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¡à¤°à¤¿à¤š रतà¥à¤œà¥‡à¤², मैकमिलन à¤à¤‚ड कं, लिमिटेड दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 1896 में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ वेकबैक मशीन पर मैनकाइंड का इतिहास 2009-10-13 पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤†à¥¤

बैरी 1958, पेज. 34।


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